- शुक्रवार को नागरिक सुरक्षा की टीमें खारे पानी मेें अभियान चलाकर खोजेंगी पक्षियों के शव
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने गुरुवार को सांभर झील क्षेत्र का दौरा कर सैंकड़ों देशी-विदेशी पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए काम कर रहे देशभर के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की एवं यहां स्थापित सेंटर में रेस्क्यू ऑपरेशन्स की समीक्षा की। उन्होंने अपनी निगरानी में पक्षियों के शवों का सुरक्षित निस्तारण कराया। शुक्रवार को नागरिक सुरक्षा की पांच टीमें झील के खारे पानी की क्यारियों में पक्षियों के शवों की तलाश करेंगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी संख्या में पक्षियों के हताहत होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें विशेषज्ञों की टीम के साथ सांभर जाकर हालात की समीक्षा करने के निर्देश प्रदान किए थे। साथ ही कारणों का पता लगाकर आगे से ऎसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय करने के लिए निर्देशित किया था। उन्हाेंने बताया कि रविवार, 10 नवम्बर को सांभर झील में पक्षियों की बड़ी संख्या मेें मौत का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कदम उठाते हुए पशुपालन विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। वर्तमान में भी देशभर के पक्षी विशेषज्ञ इन पक्षियों के इतनी बड़ी संख्या में हताहत होने के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार मृत पक्षियों के कीड़े लगेे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इनकी जान गई है। अब तक करीब 2 हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है। पहले दिन करीब 1000 पक्षियोंं के शव हटवाए गए थे। कुछ और पक्षियों के शव क्यारियों मेें मृत पडे़ हो सकते हैं। इनकी खोज के लिए शुक्रवार को अभियान चलाया जाएगा। यहां बुधवार को 31 लकवाग्रस्त पक्षियों एवं गुरुवार को 8 पक्षियाें की जान बचाई गई। यादव ने बताया कि वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पक्षियों की जान किसी फ्लू या वायरस के कारण नहीं गई है। ऎसा होने पर इंसानों को सम्पर्क में आने पर खतरा हो सकता था।