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उभरते स्टार्टअप्स ने बताई संघर्ष और सफलता की कहानी

जयपुर। ग्लोबल एंटरप्रिन्योरशिप वीक के तहत स्टार्टअप ग्राइंड तथा कॉफिक को-वर्किंग कैफेज की ओर से जयपुर के पांच उभरते स्टार्टअप फाउंडर्स से संवाद कार्यक्रम 'हस्लर स्टोरीज' का आयोजन किया गया। स्टार्टअप ग्राइंड जयपुर चैप्टर के निदेशक राहुल सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य नए स्टार्टअप्स को एजूकेट व प्रेरित करना तथा इको सिस्टम को मजबूत करना है। कॉफिक को-वर्किंग कैफेज की को-फाउंडर सुचिका बागरोदिया ने कहा कि स्टार्टअप ग्राइंड के साथ ऐसे कार्यक्रमों में भागीदारी उत्साहित करने वाली है। हम भी स्टार्टअप्स को बेहतरीन स्पेस उपलब्ध कराकर इको-सिस्टम के विकास का समान उद्देश्य लेकर चल रहे हैं। कार्यक्रम में मीडिया पार्टनर Roots Post रहा।


कार्यक्रम के पहले सत्र में Freshokartz के को-फाउंडर व सीईओ राजेन्द्र लोरा ने खुद के पार्ट टाइम किसान से राजस्थान के अग्रणी एग्रीटेक स्टार्टअप फाउंडर बनने का सफर साझा किया। उन्होंने बताया कि वे गांव में बड़े हुए और उन्होंने किसानों की तकलीफों को बहुत नजदीक से देखा। इसलिए उन्होंने किसानों की बेहतरी के लिए काम करने की सोची। किसानों को अपने माल का सही दाम मिले, इसके लिए उन्होंने मॉड्यूल बनाया। दूसरे सत्र में ToRoots Explorers के फाउंडर नवीन मीणा ने अपने मार्केटिंग प्रोफेशनल से एंटरप्रिन्योर बनने का सफर बताया, जो उपलब्धियों और संघर्ष से चुनौतियों से भरा रहा। ग्रामीण पर्यटन में काम करने का जुनून ऐसा था कि उसके बारे में कुछ नहीं जानने के बावजूद फील्ड में उतरे और सीखते-समझते आगे बढ़ते गए। नवीन ने कहा कि किसी भी बिजनेस को चलाने का थम्ब रूल है कि हमेशा ड्राइवर सीट पर रहो।


तीसरे सत्र में Capacita Connect की एमडी व सीईओ शिप्रा भूटानी ने कहा कि स्टार्टअप को प्रोफिट पर फोकस करना चाहिए, बजाय फंडिंग पर ही निर्भर रहने के। उन्होंने बताया कि पांच-छह महीने तक 10 लाख रुपए प्रतिमाह के खर्च को रोककर सिर्फ बिजनेस प्रोफिट से ही कंपनी को चलाने की उनकी नीति कैसे सफल रही। उन्होंने कहा कि फंडिंग के भरोसे घाटे को नहीं देखना गलत है। पहले के कुछ उदाहरण ऐसे हो सकते हैं, लेकिन यह सफलता का रूल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान से हूं, जहां व्यापार में लाभ पहले है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम विभिन्न कंपनियों को स्किल्ड लेबर उपलब्ध कराती है। देशभर की मात्र 12 कंपनियों में से वे शामिल है, जिनका एनएसडीसी से इनोवेशन पार्टनर के रूप में आधिकारिक समझौता हुआ है। चौथे सत्र में Tinkerly के को-फाउंडर व सीईओ शरद बंसल का मानना है कि पारंपरिक पढ़ाई अपूर्ण है। बच्चों में प्रैक्टिकल समझ विकसित करना बहुत जरूरी है। उनकी टीम ने विद्यार्थियों में प्रैक्टिकल समझ विकसित करने के लिए कई तरह के प्रोडक्ट्स डवलप किए हैं। साथ ही ऑनलाइन एजूकेशन सेशन भी तैयार किए हैं। अभी तक लगभग 75 हजार स्टूडेंट्स उनके यूनिक प्रोग्राम का लाभ ले चुके हैं। शरद ने कहा कि अपना वेंचर शुरू करने से पहले यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने आइडिया और बिजनेस मॉडल के प्रति दृढ़ आस्था रखें। पांचवें व अंतिम सत्र में Aviotron Automations के फाउंडर वैष्णव ने कहा कि हमेशा एक स्टार्टअप का प्राथमिक उद्देश्य किसी समस्या का समाधान करना होना चाहिए, बाकी सब सैकंडरी है। वैष्णव ने अपनी स्टूडेंट लाइफ से प्रोफेशनल लाइफ तक के सफर को रोचक तरह से बताकर श्रोताओं की तालियां बटोरीं।


 


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